अब नहीं पीटेगा वह !

" मेरी क्या गलती है ...मुझे क्यों मार रहे हो...आप जैसा बोलते हैं , वैसा ही तो करते आ रही हूँ....मत मारो...मुझे मत मारो..." इन्हीं चीखों के साथ एक घर के अन्दर से महिला के जोर-जोर से रोने की आवाज़ आ रही थी. बाहर लोगों की भीड़ जुटी थी. हर आने-जाने वालों का वहां रुकना हो रहा था. दरअसल माज़रा ही कुछ ऐसा था कि न चाहते हुए भी लोगों के कदम थमने लगे थे. उनके कुछ पड़ोसी काफी कुछ समझाने का प्रयास कर रहे थे पर पतिदेव मानने तैयार नहीं थे. अपनी पत्नी को बस पीटे जा रहे थे. पड़ोसियों ने जब उससे पीटने का कारण पूछा तो चौकाने वाला जवाब आया. वो कह रहा था-" सोंचा था, अब की बार लड़का पैदा होगा लेकिन दूसरी बार भी इस करमजली ने लड़की ही पैदा की है. लड़का होने की प्रत्याशा में मैंने क्या-क्या नहीं सोंच रखा था. जश्न के लिए काफी कुछ तैयारियां भी कर ली थी किन्तु इसने फिर लड़की पैदा कर सब कबाड़ा कर दिया है. अब इसे पीटूं नहीं तो क्या इसकी आरती उतारूँ. " वह किसी की बात सुनाने तैयार नहीं था. इस बीच वहां से एक एम्बुलेंस गुजर रही थी. भीड़ देख ड्रायवर को इशारा हुआ और एम्बुलेंस भी वहां रुक गई. ...